भाग 1: अजनबी मुलाक़ात
शहर की हलचल के बीच, अर्जुन और रिया की पहली मुलाकात एक कैफ़े में हुई। अर्जुन एक मेहनती युवा था, जिसने अपनी ज़िंदगी खुद बनाई थी, जबकि रिया एक बड़े व्यापारी की बेटी थी, जिसे दुनिया की असली सच्चाई का कम ही अंदाजा था।
उस शाम बारिश हो रही थी, कैफ़े की खिड़की से बाहर बूंदें टपक रही थीं। अर्जुन कॉफी पीते हुए अपनी किताब में डूबा था, जब अचानक रिया उससे टकराई और उसकी कॉफी गिर गई।
“सॉरी! मैं जल्दी में थी…” रिया ने घबराकर कहा।
“कोई बात नहीं,” अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा। लेकिन उसकी नज़रें रिया की आँखों में उलझ गईं।
यहीं से दोनों के बीच अनकही कहानी शुरू हुई। संघर्ष से सफलता की कहानी

भाग 2: प्यार और संघर्ष
अर्जुन और रिया की मुलाक़ातें बढ़ती गईं, और धीरे-धीरे दोनों को प्यार हो गया। लेकिन यह इतना आसान नहीं था।
रिया के पिता, राजवीर चौहान, इस रिश्ते के सख़्त खिलाफ थे। उन्होंने अर्जुन को धमकी दी – “अगर तुमने रिया से दूर नहीं हुए, तो अंजाम बुरा होगा!”
लेकिन अर्जुन हार मानने वालों में से नहीं था। उसने ठान लिया कि वो अपनी मेहनत और सच्चाई से दुनिया को दिखाएगा कि प्यार किसी अमीरी-गरीबी का मोहताज नहीं होता।

भाग 3: अंधेरे में छिपा रहस्य
एक रात, अर्जुन अपने घर लौट रहा था कि उसे महसूस हुआ कि कोई उसका पीछा कर रहा है। जैसे ही उसने मुड़कर देखा, एक नकाबपोश आदमी ने उस पर हमला कर दिया।
अर्जुन लड़खड़ा गया, लेकिन उसने हमलावर का नकाब खींच लिया… और जो चेहरा सामने आया, वो देख कर उसके होश उड़ गए!
वो रिया का बड़ा भाई, विक्रम था!
“तुम मेरी बहन के लायक नहीं हो, अर्जुन!” विक्रम ने गुस्से में कहा।
यह अर्जुन के लिए सबसे बड़ा झटका था।

भाग 4: एक कड़वी सच्चाई
अर्जुन ने खुद को संभाला और सच्चाई जानने के लिए विक्रम से आमने-सामने बात की। तब पता चला कि रिया की शादी पहले से ही एक बड़े बिजनेसमैन के बेटे से तय थी।
रिया ने इस सच्चाई को छिपाया था, क्योंकि वो खुद इस शादी से बचना चाहती थी।
अर्जुन को लगा जैसे ज़मीन उसके नीचे से खिसक गई हो।

भाग 5: अंत का नया मोड़
रिया ने अपने पिता के सामने जाकर हिम्मत दिखाई और कहा –
“अगर शादी करनी है, तो मैं अपने प्यार से करूंगी, नहीं तो कभी शादी नहीं करूंगी!”
रिया की माँ, जो हमेशा चुप रहती थीं, उन्होंने भी बेटी का साथ दिया। धीरे-धीरे परिवार की सोच बदली, और आखिरकार रिया के पिता भी मान गए।
अर्जुन और रिया की शादी हो गई।
शादी के दिन अर्जुन ने विक्रम से कहा –
“शायद तुमने मुझसे नफ़रत की, लेकिन तुम्हारी नफ़रत ने मुझे और मजबूत बना दिया। अब मैं तुम्हारा दुश्मन नहीं, बल्कि तुम्हारा परिवार हूँ।”
विक्रम की आँखों में गर्व था।

“प्यार, संघर्ष और विश्वास की यह कहानी हमें सिखाती है कि अगर दिल साफ़ हो, तो कोई भी मुश्किल जीत से बड़ी नहीं होती!” 💖✨ संघर्ष से सफलता की कहानी
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